भारत की राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट को प्राचीन युद्ध स्मारक के रूप में जाना जाता है,। राष्ट्रपति भवन से लगभग 2.4 किलोमीटर दूर इंडिया गेट स्थित है। इंडिया गेट का नाम अखिल भारतीय युद्ध स्मारक रखा गया था। इंडिया गेट भारत की बेहद सुंदर इमारत में से एक है। शौर्य और बहुत से सैनिकों की बलदानिया का प्रतीक है दिल्ली का इंडिया गेट। यह इमारत इमारत केवल भारत का राष्ट्रीय इमारत ही नहीं है, बल्कि देशवासियों की भक्ति एकता का प्रतीक भी माना जाता है। यह इमारत उन सैनिकों के लिए बनाया गया जिन्होंने अपनी जान देश पर निछावर कर दी
इंडिया गेट का इतिहास ( India Gate History In Hindi)
इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार द्वारा किया गया। इंडिया गेट का निर्माण इसीलिए करवाया गया क्योंकि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 90000 सैनिकों ने अपनी जान गवाई थी उनको श्रद्धांजलि देने के रूप में इंडिया गेट का निर्माण पर विचार हुआ। इंडिया गेट के दीवारों पर उन सभी शहीदों के नाम और महिला नसों जिन्होंने अपनी जान गवाई उनके नाम भी लिखा गया।
इंडिया गेट का निर्माण कार्य ( Architecture of India Gate )
10 फरवरी 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा इंडिया गेट की नींव रखी गई थी। इस इमारत को बनाने के लिए 10 वर्ष का समय लग गया था। इंडिया गेट को लाल और पीले रंग के पत्थरों से बनाया गया था।
यह सबसे बड़ा युद्ध स्मारक जिसकी ऊंचाई 42 मीटर है। और इसकी लंबाई 625 मीटर चौड़ाई 9.1 मीटर है और इसका क्षेत्रफल 36000 वर्ग मीटर है। इंडिया गेट के सामने जॉर्ज पंचम की एक मूर्ति स्थापित करी गई थी लेकिन जिसके बाद उसे कोरोनेशन पार्क में रख दिया गया था।
इंडिया गेट के बारे में अनोखी बातें ( Unique things about India Gate )
इंडिया गेट का निर्माण 10 फरवरी 1921 को ड्यूक ऑफ़ कनॉट के द्वारा की गई।
इंडिया गेट को शहीद सैनिक ऑन को श्रद्धांजलि देने के आधार पर बनाया गया।
इंडिया गेट का उद्घाटन लॉर्ड इरविन ने 12 फरवरी 1931 को किया था।
स्मारक का उद्घाटन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था 26 जनवरी 1972 को।
इंडिया गेट के डिजाइन बनाने वाले एडविन लुटियन थे।
इंडिया गेट की संरचना पेरिस के आर्क डी ट्रायम्फ जैसा दिखता है।
हर साल भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय ध्वज फैला फहराया जाता है। इंडिया गेट में और जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
इंडिया गेट के दीवारों पर शहीद जवानों के नाम भी लिखे हुए हैं
इंडिया गेट की सुंदरता ( beauty of India gate )
इंडिया गेट भारत के राजधानी दिल्ली में स्थित है जो की एक पर्यटक स्थल है यहां दूर-दूर से लोग घूमने आते हैं इंडिया गेट का सुंदरता का आनंद लेने आते हैं। इसके आकर्षण का कारण यह है कि उसकी मार्बल की संरचना और डिजाइन शानदार तरीके से की गई है। जो पर्यटक को अपने और आकर्षित करती है।
इसके आसपास के क्षेत्र को बहुत ही अच्छे तरीके से सजाकर एक पार्क का निर्माण किया गया। जहां पर लोग बैठकर इंडिया के सुंदरता का आनंद लेते हैं।विशेष रूप से रात में, इंडिया गेट को प्रकाशित किया जाता है जिससे वह एक रोमांचक लगता है
इंडिया गेट के पास अमर जवान ज्योति नमक श्रद्धांजलि स्तंभ में जो भारतीय सैनिकों की याद के लिए स्थापित किया गया था जिसे लोग देखकर बहुत ही गर्व महसूस करते हैं।
यह इमारत एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और संस्कृति स्थल भी है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की यादों को जिंदा रखने के लिए है।
इंडिया गेट आप कैसे जा सकते हैं
इंडिया गेट दिल्ली मैं है अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आप आसानी से इंडिया गेट जा सकते हैं मेट्रो बस का इस्तेमाल कर सकते हैं
मेट्रो लाइन - पीली लाइन दिल्ली गेट जाती है और कुछ ही दूरी पर इंडिया गेट है।
इंडिया गेट अंदर जाने का शुल्क - इंडिया गेट आप बिना शूल के घूम सकते हो वहां कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।
इंडिया गेट के बारे में प्रश्न और उत्तर ( question And answer about India Gate )

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